मेरा गुरूर है पिता
मेरा हर्ष मेरा गर्व या कहूॅ॑ मेरा गुरूर है पिता
मेरी सजल इन अंखियों का कोहिनूर है पिता
मेरे पिता को फक्र मुझ पर और फिक्र है मेरी
इसीलिए मैं कहती हूॅ॑ कि मेरा गुरूर है पिता-इसीलिए
बचपन में बेटे की तरह मुझको खिलाया है
ऊॅ॑गली पकड़ पिता ने ही चलना सिखाया है-इसीलिए
पिता से पूछें कोई बेटा या बिटिया से प्यार है
कहते हैं बेटे से घर है मगर बिटिया संसार है-इसीलिए
मेरे पिता कहते थे मुझे बिटिया की चाहत है
बेटा चिराग है सुनो मगर बिटिया से रौनक है-इसीलिए
कहते हैं बिटिया तुम भाग्य को साथ लाई थी
अपने पिता की जॉब की तूॅ॑ सौगात लाई थी-इसीलिए
मेरे पिता ने मुझको आज काबिल बनाया है
बेटे की तरह परवरिश दे हौंसला जगाया है -इसीलिए
सब हैं बहुत प्रसन्न आज ये शादी की बेला है
बिटिया की विदाई पर पिता देखो अकेला है-इसीलिए
लाडली बिटिया को खुद ही डोली बिठा रहे
अपने गले लगा वो खुद के हैं आंसू छिपा रहे-इसीलिए
‘V9द’पिता भगवान ना सही फ़रिश्ते जरुर हैं
बिटिया के लिए इसीलिए अंखियों का नूर हैं -इसीलिए