Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

मेरा गांव

मेरा गांव
कितनी बातें, कितनी यादें, सोच सोच के आंखें नम हो गई,
बूढ़ा बरगद पेड़ वहीं है, गांव वहीं, बस मैं कहां खो गया
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिस सनातन छत्र ने, किया दुष्टों को माप
जिस सनातन छत्र ने, किया दुष्टों को माप
Vishnu Prasad 'panchotiya'
समुन्दर को हुआ गुरुर,
समुन्दर को हुआ गुरुर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" आज भी है "
Aarti sirsat
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
उदास हूं मैं आज...?
उदास हूं मैं आज...?
Sonit Parjapati
पिता
पिता
Dr Manju Saini
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
23/219. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/219. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
عيشُ عشرت کے مکاں
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
टूटा हूँ इतना कि जुड़ने का मन नही करता,
टूटा हूँ इतना कि जुड़ने का मन नही करता,
Vishal babu (vishu)
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
आवश्यकता पड़ने पर आपका सहयोग और समर्थन लेकर,आपकी ही बुराई कर
आवश्यकता पड़ने पर आपका सहयोग और समर्थन लेकर,आपकी ही बुराई कर
विमला महरिया मौज
भ्रम
भ्रम
Shyam Sundar Subramanian
मुझे  बखूबी याद है,
मुझे बखूबी याद है,
Sandeep Mishra
गारंटी सिर्फ़ प्राकृतिक और संवैधानिक
गारंटी सिर्फ़ प्राकृतिक और संवैधानिक
Mahender Singh
बचपन
बचपन
नूरफातिमा खातून नूरी
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
विषय – मौन
विषय – मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिसकी बहन प्रियंका है, उसका बजता डंका है।
जिसकी बहन प्रियंका है, उसका बजता डंका है।
Sanjay ' शून्य'
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Sakshi Tripathi
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
"लोग क्या कहेंगे" सोच कर हताश मत होइए,
Radhakishan R. Mundhra
मलाल आते हैं
मलाल आते हैं
Dr fauzia Naseem shad
कविता : नारी
कविता : नारी
Sushila joshi
Loading...