मेरा केंद्रीय विद्यालय
तमसो मां ज्योतिगमय से होती हमारे दिन की शुरुवात है।
क्युकी यहां विद्या की देवी का निवास है
केवी से हम और हमसे केवी की पहचान है
अच्छा हमारा सबसे व्यवहार है
क्युकी यही तो हमारे केवी के संस्कार है
यह छोटी छोटी इकाई से लेकर
जीवन का सार सिखाया जाता है
शिक्षक से यह कोई डरता नहीं है
क्युकी केवी हमे उनकी इज़्जत करना सीखता है
दोस्तों का यह साथ है मिलता
मिलता शिक्षको का आशीर्वाद है
सिर्फ एक जगह नही बल्कि पूरे विश्व में गूंजता सिर्फ केवी का नाम है
यह सिर्फ एक विद्यालय नहीं है
यहां हर एक से बनता पूरा परिवार है ।
और यही हमारे केवी का व्यवहार है ।
– Prachi Verma