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5 Sep 2022 · 1 min read

*वह गुरू है (मुक्तक)*

वह गुरू है (मुक्तक)
_____________________________
सुगढ़ हाथों से देता जो हमें आकार वह गुरु है
सुधरती जिंदगी है जिसकी खा फटकार वह गुरु है
मिला करते हैं गुरु सच्चे सदा ही भाग्य से हमको
हमें ले जाता है मॅंंझधार से जो पार वह गुरु है
——————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.)
मोबाइल 999761545)

Language: Hindi
189 Views
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