“मेंहदी” (हाइकु)
“मेंहदी” (हाइकु)
मन भावन
मेंहदी रचे हाथ
पिया का साथ।
पीस पत्तियाँ
करतल सजाईं
खूब रचाईं।
मेंहदी लगी
जो पिया मन भाई
सुर्ख कलाई।
प्रीत बढ़ाएँ
मेंहदी रचे हाथ
पिया का साथ।
प्यार हमारा
मेंहदी पर नाम
लिखा तुम्हारा।
नई नवेली
मेंहदी की हवेली
सुख श्रृंगार।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी (9839664017)