Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

मेंहदी राचे है लाल ,

मेंहदी राचे है लाल ,
शर्म से गुलाबी गाल,
जिंदगी में हर्ष- हर्ष,
खुशियां मनाईए।

तन -मन रंग भरे,
प्रिय के हिय में सजे,
जीवन में प्रेम खिले,
सपने सजाईए।

जब दो दिल है मिले,
लव यू लव यू कहें,
सांसें धक- धक करें,
प्रेम बरसाईए।

प्रिय के मेंहदी रचें,
नाम पिया का ही लिखें ,
इक दूजे के होकर,
जीवन महकाइएं।

विभा जैन (ओज्स)
इंदौर ( मध्यप्रदेश)

Language: Hindi
61 Views

You may also like these posts

चंद पल खुशी के
चंद पल खुशी के
Shyam Sundar Subramanian
My answer
My answer
Priya princess panwar
तन माटी का
तन माटी का
Neeraj Agarwal
भारत का परचम
भारत का परचम
सोबन सिंह रावत
बाल बलिदान दिवस
बाल बलिदान दिवस
Sudhir srivastava
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
GM
GM
*प्रणय*
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
फलसफ़ा
फलसफ़ा
Atul "Krishn"
*युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है (गीत)*
*युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है (गीत)*
Ravi Prakash
"जमाने को"
Dr. Kishan tandon kranti
बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
Ranjeet kumar patre
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
मां वाणी के वरद पुत्र हो भारत का उत्कर्ष लिखो।
मां वाणी के वरद पुत्र हो भारत का उत्कर्ष लिखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बात तो कद्र करने की है
बात तो कद्र करने की है
Surinder blackpen
कहो इसकी वजह क्या है
कहो इसकी वजह क्या है
gurudeenverma198
National Symbols of India
National Symbols of India
VINOD CHAUHAN
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
Rj Anand Prajapati
तन्हा चलती जिदंगी,
तन्हा चलती जिदंगी,
sushil sarna
कचोट
कचोट
Dr.Archannaa Mishraa
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
Keshav kishor Kumar
फिर कब आएगी ...........
फिर कब आएगी ...........
SATPAL CHAUHAN
नवदुर्गा।
नवदुर्गा।
Acharya Rama Nand Mandal
2673.*पूर्णिका*
2673.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देवीमहिमा
देवीमहिमा
जगदीश शर्मा सहज
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
Ravikesh Jha
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
Shreedhar
शॉल (Shawl)
शॉल (Shawl)
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...