मृत्यु
साज तैयार कर ले तू मनवा
कब मौत दस्तक दे अँगनवा
वक्त न पूछे, घड़ी न पूछे
साज तैयार कर ले तू मनवा ।
बड़ी हौस से जन्म दिया तुझे
नाजों से पाला – पोषा तुझे
निष्ठुर कितना है जगत पाल
उम्र न पूछे, घड़ी न पूछे ।
कैसे -कैसे मन को रिझा लुभा
मन को महका उपवन बना
निष्ठुर कितना है जग संचालक
देश न पूछे , घड़ी न पूछे ।
कफन पड़ा देख मन मुकुर टूटा
वक्त रूठा , तन्हाई भी सिसकी
निष्ठुर कितना है सृष्टि पालक
वृद्ध न पूछे , किशोर वय न पूछे ।