मृत्यु अटल है
सत्य अटल है
कर्म अटल है
ईश् अटल है
अंतरिक्ष अटल है
ब्रहमाण अटल है
सृष्टि अटल है
पृथ्वी अटल है
जल अटल है
वायु अटल है
अग्नि अटल है
आकाश अटल है
ये
जीवन अटल है
और
मृत्यु अटल है
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
सत्य अटल है
कर्म अटल है
ईश् अटल है
अंतरिक्ष अटल है
ब्रहमाण अटल है
सृष्टि अटल है
पृथ्वी अटल है
जल अटल है
वायु अटल है
अग्नि अटल है
आकाश अटल है
ये
जीवन अटल है
और
मृत्यु अटल है
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल