Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2020 · 1 min read

मुहब्बत की इच्छा, जताने बहुत

मुहब्बत की इच्छा, जताने बहुत
बड़े आये मुझको, मनाने बहुत

कई साल रिश्ता, निभाया सनम
मगर आप को हम, न जाने बहुत

मुझे शाम होते, पुकारो कभी
सुनाने हैं तुमको, फ़साने बहुत

खुदारा* न छेड़ो, मुहब्बत की धुन
कि हैं ज़ख़्म ताज़ा, पुराने बहुत

ख़ता बख़्श दे, अपने बीमार की
‘महावीर’ यूँ तो, दिवाने बहुत

***
_______
*खुदारा मतलब ‘खुदा के लिए’

1 Like · 4 Comments · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
अति मंद मंद , शीतल बयार।
अति मंद मंद , शीतल बयार।
Kuldeep mishra (KD)
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
दिल
दिल
Dr Archana Gupta
किसी नौजवान से
किसी नौजवान से
Shekhar Chandra Mitra
অরাজক সহিংসতা
অরাজক সহিংসতা
Otteri Selvakumar
"शौर्य"
Lohit Tamta
*आते हैं बादल घने, घिर-घिर आती रात (कुंडलिया)*
*आते हैं बादल घने, घिर-घिर आती रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
15- दोहे
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
3132.*पूर्णिका*
3132.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें बुरी लगती हैं मेरी बातें, मेरा हर सवाल,
तुम्हें बुरी लगती हैं मेरी बातें, मेरा हर सवाल,
पूर्वार्थ
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
🤔🤔🤔
🤔🤔🤔
शेखर सिंह
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
"कदर"
Dr. Kishan tandon kranti
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
कवि रमेशराज
संवेदना
संवेदना
Neeraj Agarwal
■ चल गया होगा पता...?
■ चल गया होगा पता...?
*Author प्रणय प्रभात*
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
Rajni kapoor
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
Rj Anand Prajapati
सिलसिला रात का
सिलसिला रात का
Surinder blackpen
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
कदम पीछे हटाना मत
कदम पीछे हटाना मत
surenderpal vaidya
Loading...