मुस्कान
मुस्कान की अदा भी निराली है
अलग – अलग रुप धरे यह तो रानी है
कभी गम छुपाती तो कभी जज़्बात
हर किसी के चेहरे पर अलग अंदाज
कभी न खुल पाता है इसका कोई राज
बड़े बुजुर्गो की बातों में दी गई सौगातों में
बच्चों की मोहक हँसी में छिपी मुस्कान
पल में सब पीड़ा दूर कर देती मुस्कान
पल में संशय दूर कर वैर भाव सब चूर करती
उदास मन के तालो में छिपे हुए ख्यालों में मुस्कान
काम संवर जाते जीवन राह हो जाती आसान
जब उदास मन पर जादू कर जाती मुस्कान
न इसका कोई मोल यह तोहफा अनमोल
सबके मन पर राज करती यह मुस्कान
नेहा
खैरथल अलवर (राजस्थान)