मुस्कान पर दिल दिया आह में मर गए
मुस्कान पर दिल दिया आह में मर गए
कुछ उसकी राह में कुछ चाह में मर गए
खौफ़नाक हादसे यू भी हो सकते हैं
तारीफ़ पर फना हुए वाह में मर गए
तमाम जुर्म करके बरी हो जाता है जमाना
हम एक मोहब्बत के गुनाह में मर गए
पहले झूठ फिर गैर से रिश्ता अब ये सुलूक
आज से तुम मेरी निगाह में मर गए
इलाज बनकर वो फिर आए भी तो क्या
कुछ नसीब के मारे तो कराह में मर गए
कातिल से तो तुम बच निकले तनहा
हम तो अपनों की पनाह में मर गए