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24 Aug 2024 · 1 min read

“मुसाफिर”

“मुसाफिर”
यहाँ कौन नहीं मुसाफिर है,
माटी में मिलना आखिर है।
यूँ गुरुर मत पालिए कभी,
वहाँ पैदल जाना आखिर है।

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