मुलाक़ात पहली मगर
संगीतज्ञ मनोज सर, मिले हमारे भाग
कालजयी रचना लिखूँ, भीतर ऐसी आग
मुलाक़ात पहली मगर, बरसों की पहचान
गीत-संगीत कुछ मधुर, बने यही अरमान
संगीतज्ञ मनोज सर, मिले हमारे भाग
कालजयी रचना लिखूँ, भीतर ऐसी आग
मुलाक़ात पहली मगर, बरसों की पहचान
गीत-संगीत कुछ मधुर, बने यही अरमान