:: मुबारक हो खुशियाँ ::
मेरे दोस्त तुमको मुबारक हो खुशियाँ,
हमें गम के लम्हे मुबारक बहुत हैं,
हम छुपा जाते गम को भी लेकिन,
मेरे साथ तेरी चर्चायें बहुत हैं ।
तुमसे बिछुड़कर जिन्दा हैं देखो,
आँखों में अश्क फिर भी हँसते हैं देखो ,
हम कसम से मर जाते भी लेकिन,
मेरे साथ तेरी दुआएं बहुत हैं।
नजरों ने तेरी बेगाने किये हैं,
फिर भी न हम तुमसे शिकवा किये हैं,
हम तुमसे रूठ जाते भी लेकिन,
मेरे साथ तेरी इल्तिजायें बहुत हैं।
कभी तुमने मिलने की कोशिश न की,
हमभी तुमको भुलादें हमने हिम्मत न की,
हम तुमको भूल जाते भी लेकिन,
मेरे साथ तेरी यादें बहुत हैं।
मेरे दोस्त, साथी, सखा, हमसफ़र,
अब तेरे साथ तय है ये जीवन सफ़र,
हम तुमको तन्हा छोड़ जाते भी लेकिन,
मेरे साथ तेरी मुलाकातें बहुत हैं।
मेरे दोस्त तुमको मुबारक हो खुशियाँ,
हमें गम के लम्हे मुबारक बहुत है …
✍️ – सुनील सुमन