“मुझे पता है”
“मुझे पता है”
मुझे पता है
कोई निराशा
कोई भी अंधेरा
कहीं बिछेगा नहीं,
मंजिल का सफ़र
किसी भी हाल में
कयामत तक
कभी रुकेगा नहीं।
“मुझे पता है”
मुझे पता है
कोई निराशा
कोई भी अंधेरा
कहीं बिछेगा नहीं,
मंजिल का सफ़र
किसी भी हाल में
कयामत तक
कभी रुकेगा नहीं।