Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 2 min read

माता पिता भगवान

कोई कहता है रब तुमको
कोई कहता है राम
कोई कहे सृष्टि नियन्ता कोई कहता घनश्याम
कोई कहता रब ………

कोई कहे प्रभु निराकार
कोई कहे हनुमान
कोई कहे रचनाकार प्रभु
कोई कहता है अंजान
कोई कहता है रब …

कोई कहे रहीम तुम्हे
कोई कहे करीम तुम्हे
सबके हो साथी तुम
सब कहें अपना अजीज तुम्हे
सबका है तू मालिक प्रभुवर
इस बात से कुछ अंजान
कोई कहता है रब …

मैं तो बस इतना कहता तू है मेरा भगवान है तू सब जगह
बसता न है कोई विशेष पहचान
हर दिल का वासी है तू जो कर सके पहचान
कोई कहता है रब ……

कोई कहता कबीर तुझे
कोई कहता नानक
सब जीव हैं शरण तेरी
सब हैं तेरी संतान
कोई कहता है रब ……

कोई कहे भोले शंकर
कोई कहे बवन्डर
कोई कहता विष्णु
कोई कहे ब्रह्मा
कोई कहता जगदाता
कोई भाग्यविधाता
कोई कहे दीनानाथ प्रभु
कोई कहता है प्रधान
कोई कहता है रब ………

मैं क्या कहुं ?तुझे
जब हैं तेरे इतने नाम नित लूँ नाम उनका
करूँ उनका नित गुणगान
हूँ जिनकी संतान
हैं वे मेरे लिए महान
क्षमा करें भगवान
हैं वे मेरे भगवान
कोई कहता है रब ……

जिनके दिल का वासी हूँ
जिनकी आँखों का हूँ तारा ,
जो करते चिन्ता दिन-रात मेरी ,
उनको हूँ मैं सबसे प्यारा ,
है प्रणाम मेरा उनके चरणों में,
है चरण में उनके नमन ,
है वे मेरे मार्गदर्शक ,
हैं वे मेरा अभिमान |
कोई कहता है रब ….
वंदन करूँ मे उनका,
नमन करूँ चरणों मे उनके,
हो जाए तेरी आराधना ,
हो जाए तेरा गुणगान ,
हर जीव में हैं आप महाप्रभु ,
इसलिए मैं पूजा करूँ,इंसान|
कोई कहता है रब……..

17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दो शब्द यदि हम लोगों को लिख नहीं सकते
दो शब्द यदि हम लोगों को लिख नहीं सकते
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
कुछ यूं हुआ के मंज़िल से भटक गए
कुछ यूं हुआ के मंज़िल से भटक गए
Amit Pathak
*नज़ाकत या उल्फत*
*नज़ाकत या उल्फत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं
मैं
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन दया का
जीवन दया का
Dr fauzia Naseem shad
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
सभी धर्म महान
सभी धर्म महान
RAKESH RAKESH
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
#रोज़मर्रा
#रोज़मर्रा
*Author प्रणय प्रभात*
स्वाधीनता संग्राम
स्वाधीनता संग्राम
Prakash Chandra
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
Dr MusafiR BaithA
जो होता है सही  होता  है
जो होता है सही होता है
Anil Mishra Prahari
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Love night
Love night
Bidyadhar Mantry
3001.*पूर्णिका*
3001.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
Vishal babu (vishu)
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
आदमी हैं जी
आदमी हैं जी
Neeraj Agarwal
*किसकी चिर काया रही ,चिर यौवन पहचान(कुंडलिया)*
*किसकी चिर काया रही ,चिर यौवन पहचान(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
हवन - दीपक नीलपदम्
हवन - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
माँ
माँ
The_dk_poetry
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
Loading...