“मुझे देखकर फूलों ने”
“मुझे देखकर फूलों ने”
तान छेड़ते कभी दिखा
कभी सरगम का साज
काँटों के बीच कैसे रहना
सीख लो इससे राज
अनन्त-असीम गंध इसकी
रग-रग में समाया
मुझे देख कर फूलों ने
मन्द-मन्द मुस्काया।
“मुझे देखकर फूलों ने”
तान छेड़ते कभी दिखा
कभी सरगम का साज
काँटों के बीच कैसे रहना
सीख लो इससे राज
अनन्त-असीम गंध इसकी
रग-रग में समाया
मुझे देख कर फूलों ने
मन्द-मन्द मुस्काया।