मुझे जो लूट ले……
पुराना वो समय-शहर कहाँ है
मुझे जो लूट ले रहबर कहाँ है
दुआ बुजुर्ग की होती साथ कभी
बता दो अब वही गुहर कहाँ है
बहुत कमजोर सायकल का पहिया
समझ-सोच कहना पंचर कहाँ है
फकीरों की सुनो आयेगा कल
गये-बीते की अब फिकर कहाँ
अनारकली झुका दे सल्तनत को
सितम ढाने बचा अकबर कहाँ है
सुशील यादव
2.6.17