मुझे खो कर बहुत रोयेंगे वो ##
मुझे खो कर बहुत रोएंगे वो ….
नहीं चैन की नींद में सोएंगे वो.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
उन्हें शक है मैं जान दे ना सकूंगी
मेरी जिद तेरे बिन मैं जी ना सकूंगी
नहीं जब रहूंगी तो क्या खोएंगे वो?.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
अगर मेरी बातों पे एतबार हो ना
मेरे आंसूओं के लिए कुछ कहो ना .
समय बीत जाने पे क्या बोएंगे वो?.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
बरसती हैं आंखें अधिक और भी तब..
कोई भी निगाहों में अपना न हो जब..
नयन नीर से मेरे क्या धोएंगे वो?.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
नहीं साथ मेरे किसी का सहारा..
नहीं मैं किसी की न कोई हमारा..
अकेले कहां रोटियां पोएंगे वो?.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
है घट जाती हिम्मत भरी जिंदगी की…
रुला देती है याद सबको किसी की…..
मेरा दर्द कैसे भला ढोएंगे वो?.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
हुई भूल तो झुकना हम जानते हैं..!!
गए भूल जैसे न पहचानते हैं….!
मेरे थे, ना मेरे हैं, ना मेरे होएंगे वो.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
मिले कोई ताबीज चालाक होऊं…
मेरी सादगी पर कहां किससे रोऊं?
समय और कितना अभी खोएंगे वो?.
मुझे आजमाकर बहुत रोएंगे वो..
मीना सिंह राठौर
नोएडा उत्तर प्रदेश