Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2017 · 1 min read

‘मुक्त’

आज कर दिया तुम्हें अपनी ‘कैद’ से ‘मुक्त’।
‘भविष्य’ बना सको तुम, बस इतनी आरजू है।।
खूब सिंह ‘विकल’
31/05/2017

Language: Hindi
Tag: शेर
248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं कवि हूं
मैं कवि हूं
Shyam Sundar Subramanian
*** आप भी मुस्कुराइए ***
*** आप भी मुस्कुराइए ***
Chunnu Lal Gupta
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
Ram Krishan Rastogi
कान्हा भजन
कान्हा भजन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
Vishal babu (vishu)
■ लघुकथा / सौदेबाज़ी
■ लघुकथा / सौदेबाज़ी
*Author प्रणय प्रभात*
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नववर्ष पर मुझको उम्मीद थी
नववर्ष पर मुझको उम्मीद थी
gurudeenverma198
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
Shashi kala vyas
आदमी चिकना घड़ा है...
आदमी चिकना घड़ा है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"बगुला भगत"
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ मैं नारी हूँ
हाँ मैं नारी हूँ
Surya Barman
‘बेटी की विदाई’
‘बेटी की विदाई’
पंकज कुमार कर्ण
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
एक जिद मन में पाल रखी है,कि अपना नाम बनाना है
एक जिद मन में पाल रखी है,कि अपना नाम बनाना है
पूर्वार्थ
2667.*पूर्णिका*
2667.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
Manoj Mahato
💐प्रेम कौतुक-410💐
💐प्रेम कौतुक-410💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नाकामयाबी
नाकामयाबी
भरत कुमार सोलंकी
राष्ट्र निर्माण के नौ दोहे
राष्ट्र निर्माण के नौ दोहे
Ravi Prakash
जीवन है मेरा
जीवन है मेरा
Dr fauzia Naseem shad
वापस
वापस
Harish Srivastava
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
छोटी-छोटी खुशियों से
छोटी-छोटी खुशियों से
Harminder Kaur
* साथ जब बढ़ना हमें है *
* साथ जब बढ़ना हमें है *
surenderpal vaidya
सूने सूने से लगते हैं
सूने सूने से लगते हैं
Er. Sanjay Shrivastava
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
Sanjay ' शून्य'
तुझे भूलना इतना आसां नही है
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
Loading...