Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2016 · 1 min read

मुक्त काव्य

“कर्म ही फल बाग है”

भाग्य तो भाग्य है
कर्म ही तो फल बाग है
बारिश के जल जैसा
थैली में भर पैसा
ओढ़ ले पैसा ओढ़ा दे पैसा
पानी के जैसा बहा दे पैसा
किसका अनुभाग है
कर्म ही तो फल बाग है॥

कुंए का जल है परिश्रम
बारिश का नहाना बिना श्रम
भाग्य में यदा-कदा होती आसानी
बादल हमें रोज कब पहुंचाए पानी
भरोषे पर बैठना कितनी नादानी
दादी सुनाती कर्म-भाग्य की कहानी
अतीत से सबका अनुराग है
कर्म ही तो फल बाग है॥

धरती की हरियाली न्यारी
दाना-बीज क्यारी-क्यारी
खिले सरसों सरिष पीत फूल
कर्म विधि-विधान हवा बहे अनुकूल
भाग्य भरोसे की हवा बहती प्रतिकूल
सीख दे किसान सही जाय बड़ शूल
करम भाग्य का प्रभाग है
कर्म ही फल बाग है॥

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

Language: Hindi
446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
प्यारी मां
प्यारी मां
Mukesh Kumar Sonkar
मर्द का दर्द
मर्द का दर्द
Anil chobisa
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
जनहित (लघुकथा)
जनहित (लघुकथा)
Ravi Prakash
Ajeeb hai ye duniya.......pahle to karona se l ladh rah
Ajeeb hai ye duniya.......pahle to karona se l ladh rah
shabina. Naaz
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
हसरतों के गांव में
हसरतों के गांव में
Harminder Kaur
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पहले एक बात कही जाती थी
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
शेखर सिंह
साथ मेरे था
साथ मेरे था
Dr fauzia Naseem shad
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
Manisha Manjari
2486.पूर्णिका
2486.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी एक पहेली...
ज़िंदगी एक पहेली...
Srishty Bansal
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
Aryan Raj
"मछली"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम हमेशा से  मेरा आईना हो॥
तुम हमेशा से मेरा आईना हो॥
कुमार
मेरी चाहत रही..
मेरी चाहत रही..
हिमांशु Kulshrestha
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
मनमीत मेरे तुम हो
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...