मुक्तक
कैसे मैं भूलूंगा तेरे अफसाने को?
दर्द बेशुमार हैं मुझको तड़पाने को!
हरतरफ बिखरी हुई हैं यादों की लहरें,
अश्क बेकरार हैं पलकों में आने को!
रचनाकार-#मिथिलेश_राय
कैसे मैं भूलूंगा तेरे अफसाने को?
दर्द बेशुमार हैं मुझको तड़पाने को!
हरतरफ बिखरी हुई हैं यादों की लहरें,
अश्क बेकरार हैं पलकों में आने को!
रचनाकार-#मिथिलेश_राय