मुक्तक
हाल क्या है ये मेरा बताऊं किसे
पास तू जो नहीं तो सताऊं किसे
प्रेम की तुझसे बढ़कर ना मूरत कही
ज़ख्म सीने में लेकर हंसाऊं किसे
✍️ कृष्णकांत गुर्जर
हाल क्या है ये मेरा बताऊं किसे
पास तू जो नहीं तो सताऊं किसे
प्रेम की तुझसे बढ़कर ना मूरत कही
ज़ख्म सीने में लेकर हंसाऊं किसे
✍️ कृष्णकांत गुर्जर