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15 Mar 2017 · 1 min read

मुक्तक

होते ही शाम मुझे तन्हाई घेरती है!
तेरे दर्द की मुझे परछाई घेरती है!
बेरंग इरादों में करीब होती हैं यादें,
जिन्दगी को तेरी बेवफाई घेरती है!

मुक्तककार- #महादेव'(25)

Language: Hindi
214 Views
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