मुक्तक
जिस रात की ना हो सुबह वो रात तो आई नही,
जो छँट सकी ना आसमां से वो घटा छाई नही
कुछ वक्त है इस वक्त में पर वक्त बदलेगा जरुर
इस जंग में सब साथ है यह एक की लड़ाई नही
जिस रात की ना हो सुबह वो रात तो आई नही,
जो छँट सकी ना आसमां से वो घटा छाई नही
कुछ वक्त है इस वक्त में पर वक्त बदलेगा जरुर
इस जंग में सब साथ है यह एक की लड़ाई नही