मुक्तक
उजागर है दुनिया में सच छिपा नही है
ये बता कि आज तुझसे कौन खफा नहीं है
ये जो खुद को मसीहा कहता है पड़ोसियों का
ये शख्स तो अपनों का सगा नही है
उजागर है दुनिया में सच छिपा नही है
ये बता कि आज तुझसे कौन खफा नहीं है
ये जो खुद को मसीहा कहता है पड़ोसियों का
ये शख्स तो अपनों का सगा नही है