Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2019 · 1 min read

मुक्तक

जब कली कोई मुस्कुराई है
दुनिया भौंरों की जगमगाई है

इश्क़ करते नहीं हैं ये बुड्ढे
किसने अफ़वाह ये उड़ाई है

प्रीतम राठौर भिनगाई

Language: Hindi
221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
Rj Anand Prajapati
मच्छर दादा
मच्छर दादा
Dr Archana Gupta
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
The_dk_poetry
"चालाकी"
Ekta chitrangini
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / मुसाफ़िर बैठा
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Red is red
Red is red
Dr. Vaishali Verma
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
कविता -
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
Anand Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
Vandna thakur
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
Phool gufran
**** फागुन के दिन आ गईल ****
**** फागुन के दिन आ गईल ****
Chunnu Lal Gupta
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"मजदूर"
Dr. Kishan tandon kranti
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
Sunil Suman
दोस्ती में लोग एक दूसरे की जी जान से मदद करते हैं
दोस्ती में लोग एक दूसरे की जी जान से मदद करते हैं
ruby kumari
'बेटी की विदाई'
'बेटी की विदाई'
पंकज कुमार कर्ण
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
वो इँसा...
वो इँसा...
'अशांत' शेखर
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
भरत कुमार सोलंकी
नमन तुम्हें नर-श्रेष्ठ...
नमन तुम्हें नर-श्रेष्ठ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
ऐसा लगता है कि एमपी में
ऐसा लगता है कि एमपी में
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...