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7 May 2019 · 1 min read

मुक्तक !

आप तो बस खोजते रह गए हमें सताने के नुस्खे
हम ने ‘साहेब’ आप पे ध्यान देना ही छोड़ दिया।

अपने हको हुक्क़ कि बातों को गुनगुना के देखा तो
समझ में आया हम ने ग़लत सरकार को था चुन लिया
***

इन दिनों…
कुछ लोग ये सोच के भी यूँ ही चुप बैठे हैं
देखें उनके गिरने कि आख़िरी हद कहां तक है !
***
07-05-2019
…सिद्धार्थ…

Language: Hindi
1 Like · 401 Views
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