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18 Jan 2017 · 1 min read

मुक्तक

थोड़ा होश है मुझे थोड़ी सी मदहोशी है!
मेरी तन्हाई में यादों की सरगोशी है!
शामों-सहर रुलाती हैं करवटें इरादों की,
रंग है ख्वाबों का मगर गम की खामोशी है!

#महादेव_की_कविताऐं'(26)

Language: Hindi
426 Views
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