“मुक्तक”- (छाया था खुमार मन में….)
“मुक्तक”- (छाया था खुमार मन में….)
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छाया था खुमार मन में जो प्यार का !
आया था इक मौसम मानो बहार का !
तब तक दिलों में इक कसक सी थी….
जब आ गए जुबां पे बोल इज़हार का !!
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 15-08-2021.
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