मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
जैसे ही हवा मिलती हैं अपनी टीस दे जाते हैं
रह रह दर्द उठता कभी न भरने वाले दर्द उभरते
लोग मिलते हैं और फायदा उठा निकल जाते है
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
जैसे ही हवा मिलती हैं अपनी टीस दे जाते हैं
रह रह दर्द उठता कभी न भरने वाले दर्द उभरते
लोग मिलते हैं और फायदा उठा निकल जाते है
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद