मुकरी / MUSAFIR BAITHA
मुकरी
पग बिनु चलै सुनै बिनु काना
मुश्किल है उनको पहचान पाना
बेमेल मेल का खेल यह बड़ा निराला
क्या सखि कथित भगवन–भक्त का, नहिं वामी-दलित वाला।
मुकरी
पग बिनु चलै सुनै बिनु काना
मुश्किल है उनको पहचान पाना
बेमेल मेल का खेल यह बड़ा निराला
क्या सखि कथित भगवन–भक्त का, नहिं वामी-दलित वाला।