मुंबई फिर दहली
काली रात कहें या काले दिन, जहां बने मौत के सन्नाटे।
ताजमहल नरीमन हाउस जले ओबराय होटल बांके।।
मुंबई शहर व्यापारिक नगरी भारत के लक्ष्मी का खजाना,
हुए पहले से बम धमाके थे अब बन गयी फिर आतंकी निशाना ।।
देश विदेशी ऊंची हस्ती कारोबार के कामों से।
बेखबर किसी खतरे के ठहरे, ना वाकिफ अनहोनी बातो से ।।
देश पड़ोस के ट्रेंड आतंकी ले चोरी की नावों से।
बम जखीरो से लैस थे, घुस गए हमले के दावों से ।।
बेरहमी से बरसाए गोले बेगुनाहों की लेली जान।
बारूदी धमाके इतने दागे, कर दी कितनी मंजिलें वीरान ।।
जान-माल की होली जल गई, माया नगरी दहल गई।
हाहाकार मचा भारत में, केबिनेट मीटिंग बैठ गयी।।
सेना और पुलिस ने मिलकर सुरक्षा चक्र घेरा डाला।
कितनो की जान बचा तो पाए, पर कितनो को दरिंदो ने लील डाल।।
अपनी जान गवां कुछ वीरो ने पा ली शहादत की कुर्बानी।
धराशाही किये आतंकी, दिखाई पकड़ इक बलवानी ।।
सबूत मिले सब उससे ऐसे, बेनकाब “पाक” का नाम हुआ।
आतंकवाद की शर्नास्थली, कटु निंदा का पात्र हुआ।।
अंतर्राष्ट्रीय आतंकी मसला, गूंजा सभी सरकारों में।
आतंकवाद को जड से काटो जनता भर गयी हुनकरो में।।