मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच,
आँखों की नहीं, रूहों की सरगोशियां हैं, तेरे मेरे बीच।
बातों की नहीं, ख़ामोशी की जुबानियाँ हैं, तेरे मेरे बीच,
जो कभी ख़त्म ना हुई, वो ठहरी कहानियां हैं, तेरे मेरे बीच।
हर रात चाँद और धरा जैसी रुमानियाँ हैं, तेरे मेरे बीच,
और सुबह ओस बन बरसती, जज़्बात की निशानियां हैं, तेरे मेरे बीच।
चट्टानों पर जो आकर सुस्ताती हैं, हवाओं की वो दिलदारियां हैं, तेरे मेरे बीच,
बारिशों में पलकों पर जो सजती हैं, यादों की वो रवानियाँ हैं, तेरे मेरे बीच।
अतीत में गुम हुई, वर्त्तमान की अबूझ पहेलियाँ हैं, तेरे मेरे बीच,
साहिलों पर आकर टूटती, लहरों की अठखेलियां हैं, तेरे मेरे बीच।
महफिलों में मुस्कुराती, वो बेबस सी तन्हाईयाँ हैं, तेरे मेरे बीच,
ईश्वर ने जो खींची, वो लकीरों की गहराईयां हैं, तेरे मेरे बीच।
जो कभी टूट ना पायी, प्रेम की वो साझेदारियां हैं, तेरे मेरे बीच,
पर जीवन और मृत्यु के आर-पार जीने की जिम्मेवारियां भी हैं, तेरे मेरे बीच।