Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2022 · 2 min read

मिसाइल मैन

युगों- युगों ऐसा लाल
कभी-कभी ही इस
धरती पर आता है।
जो अपनी पहचान
नाम से नही,
अपने कर्म से बनाता है।
कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है,
यह सीख हमें दे जाता है।

भारत के वे एक रत्न थे,
कई रत्नों में वह सबसे थे अनोखे।
न था उस रत्न का कोई मोल,
वह थे सबसे अनमोल
और हमेशा हम सब
के लिए रहेगें वें अनमोल।

जाति-धर्म से परे वह इंसान,
मानों मिला हो उनके रूप में
हमें ईश्वर से है वरदान।
उनके रोम- रोम में बसता था
देश के लिए प्राण।
उनका तन मन धन सब
देश के लिए था कुर्बान।

भारत के लिए वह थे भगवान,
देश के लिए किया था उन्होने,
मिसाइल और परमाणु बम का निर्माण।
वे देश के थे स्वाभिमान,
वह कोई और नहीं,
वह थे जन- जन के प्रिय
हम सब के डाॅ . अब्दुल कलाम।
जिसे हम सब मिसाइल मैन
के नाम से जानते हैं।

इस सदी के हमारे देश के
श्रेष्ठ वैज्ञानिक थे वह महान।
सब धर्मों को मानने वाले
चाहे गीता हो या हो कुरान।
न था किसी के लिए उनके मन में बैर,
न था उनके मन में अहंकार।
था तो सिर्फ सबके लिए प्यार,
और सबके लिए मन में सम्मान।

इनका जन्म १५ अक्टूबर १९३१ को,
रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।
बालपन में जब देखा भेद-भाव,
तो इनके मन में कई उठे थे सवाल ।
इन सवालों का हल निकालने के लिए
उन्होनें हाथ में उठाई थी किताब
और जो हल निकाल कर उन्होंने दिया।
उस पर हमें युगों – युगों तक नाज रहेगा,
और देश उनके आविष्कार के लिए,
हमेंशा ऋणी रहेगा।

किसी का दिल न दुखाने वाले,
पैर जमीं पर रखकर सपने
हमेशा ऊंचे देखने वाले।
स्वदेशी का पाठ पढाने वाले,
हर परिस्थिति मे मुस्कुराने वाले,
थे हम सब के प्रिय अब्दुल कलाम।

विज्ञान क्षेत्र मे हमेशा अभ्यास
करते रहने वाले,
हमारे इस मिसाइल मैन को
कई बार निराशा हाथ लगी।
पर इन्होंने कभी भी आस
का दामन नही छोड़ा और
हमेशा कुछ न कुछ नया करते रहे।
उनके द्वारा किए गए आविष्कार
के कारण उन्हें
भारत रत्न से नवाजा गया था।

२००२ से लेकर २००७ तक
ये राष्ट्रपति के पद पर सम्मानित रहे थे।
इस बीच उन्होंने देश के उत्थान,
के लिए बहुत काम किया था।

इनके जीवन को जितना जानिए,
इनके चरित्र को जितना समझिए,
हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
ऐसे भारत रत्न को मेरा
शत-शत बार प्रणाम है।

~अनामिका

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
मैं असफल और नाकाम रहा!
मैं असफल और नाकाम रहा!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2494.पूर्णिका
2494.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार
प्यार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
सरस्वती बंदना
सरस्वती बंदना
Basant Bhagawan Roy
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
विश्वास
विश्वास
विजय कुमार अग्रवाल
तेरी आवाज़ क्यूं नम हो गई
तेरी आवाज़ क्यूं नम हो गई
Surinder blackpen
बस हौसला करके चलना
बस हौसला करके चलना
SATPAL CHAUHAN
खुद के करीब
खुद के करीब
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहाँ लिखता है
कहाँ लिखता है
Mahendra Narayan
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
Neerja Sharma
*सॉंप और सीढ़ी का देखो, कैसा अद्भुत खेल (हिंदी गजल)*
*सॉंप और सीढ़ी का देखो, कैसा अद्भुत खेल (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
देखना हमको फिर नहीं भाता
देखना हमको फिर नहीं भाता
Dr fauzia Naseem shad
फितरत
फितरत
Mamta Rani
■ जयंती पर नमन्
■ जयंती पर नमन्
*Author प्रणय प्रभात*
"जगदलपुर"
Dr. Kishan tandon kranti
"मोहे रंग दे"
Ekta chitrangini
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
'अशांत' शेखर
अपना मन
अपना मन
Harish Chandra Pande
बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
Shinde Poonam
* कुछ पता चलता नहीं *
* कुछ पता चलता नहीं *
surenderpal vaidya
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
कवि रमेशराज
सच
सच
Neeraj Agarwal
Loading...