Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2022 · 1 min read

“ मिलि -जुलि केँ दूनू काज करू ”

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल ”
======================
सुनैत छी ?
की करैत छी ?
कतय छी ?
किछु काज करू
दिनभर कथि मे
ओझरायल
रहैत छी ?
कखनो लैपटॉप पर
कखनो मोबाईल पर
खेल खेलाइत
रहैत छी !
हम दिन भरि
नौओड़ि बनल रहैत छी !
घरक काज करू
लत्ता -कपड़ा साफ करू
पानि -पीढ़ि
सोझा राखू
तखन आहाँ
खाइत छी !
ओछाओन क इंतज़ाम
सेहो हम करैत छी
दिन -राति हम
घरक कार्य मे
ओझरायल हम रहैत छी !
भोरे -भोरे
सूति -उठि आहाँ क
काज मोबाईल देखनाई
घरक गप
छोड़ि दिओ
दिन -राति अछि
लैपटॉप सँ खेलनाई !
कहक लेल संगिनी
सँग नहि दैत छी
पता नहि कोन आहाँ
“रामायण” कोनो लिखइत छी ?
देखब आहाँ केँ
तकलीफ हैत
जखन हम चलि जायब
असगरे दिन -राति
झाम आहाँ
गुडैत रहब !
छोड़ि- छाड़ि काज सब
हुनका सँग लागि गेलहूँ
वो जे -जे कहलीह
हुनके संगे करैत रहलहूँ !
वो भेलीह
प्रसन्न
मिलि -जुलि केँ काज केलहूँ
आपस केर
मलिनता
क्षण मे समाप्त केलहूँ !!
==================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल ”
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
30.07.2022.

Language: Maithili
252 Views

You may also like these posts

मुक्तक
मुक्तक
Akash Agam
"जीवन का संघर्ष"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
दीनानाथ दिनेश जी से संपर्क
दीनानाथ दिनेश जी से संपर्क
Ravi Prakash
सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें
सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
बिटिया
बिटिया
Mukta Rashmi
उर से तुमको दूंँ निर्वासन।
उर से तुमको दूंँ निर्वासन।
दीपक झा रुद्रा
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
कब आओगे ? ( खुदा को सदाएं देता एक गमगीन दिल ...)
कब आओगे ? ( खुदा को सदाएं देता एक गमगीन दिल ...)
ओनिका सेतिया 'अनु '
3061.*पूर्णिका*
3061.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी मेरी मातृभाषा
हिंदी मेरी मातृभाषा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले।
#हे_कृष्णे! #कृपाण_सम्हालो, #कृष्ण_नहीं_आने_वाले।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
शिक्षामित्रों पर उपकार...
शिक्षामित्रों पर उपकार...
आकाश महेशपुरी
इश्क की कीमत
इश्क की कीमत
Mangilal 713
आजकल कुछ सुधार है प्यारे...?
आजकल कुछ सुधार है प्यारे...?
पंकज परिंदा
भाग्य
भाग्य
लक्ष्मी सिंह
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
एक इत्तफाक ही तो था
एक इत्तफाक ही तो था
हिमांशु Kulshrestha
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
माँ तुम्हारे रूप से
माँ तुम्हारे रूप से
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
हिंदी लेखक
हिंदी लेखक
Shashi Mahajan
अलसाई आँखे
अलसाई आँखे
A🇨🇭maanush
जल बचाओ एक सबक
जल बचाओ एक सबक
Buddha Prakash
क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पता ही न चला
पता ही न चला
Juhi Grover
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
*टूटे दिल को दवा दीजिए*
*टूटे दिल को दवा दीजिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम क्रोध नहीं करते
तुम क्रोध नहीं करते
Arun Prasad
Loading...