मिलावट
भावुकता में जब शब्द बोले जाते हैं ।
बिना तराजू तब दिल टटोले जाते हैं ।
प्रेम के धागे फिर सुलझाए न सुलझते
ऐसे ही शरबतों में विष घोले जाते हैं ।
।।मुक्ता शर्मा ।।
भावुकता में जब शब्द बोले जाते हैं ।
बिना तराजू तब दिल टटोले जाते हैं ।
प्रेम के धागे फिर सुलझाए न सुलझते
ऐसे ही शरबतों में विष घोले जाते हैं ।
।।मुक्ता शर्मा ।।