मिलती नही हर दर्द की दवा दवाखाने में
मिलती नही हर दर्द की दवा दवाखाने में
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मिलती नही हर दर्द की दवा दवाखाने में।
कुछ दर्द तो चले जाते है केवल मुस्कराने में।।
मिलेगा नही कुछ भी किसी को बहकाने में।
मिल जायेगा सब कुछ किसी को बहलाने में।।
मिलेगा नही कुछ भी तुमको किसी को रुलाने में।
मिलेगा जो आनंद तुमको किसी को हंसाने में।।
मिलेगे सब सुख तुमको किसी को अपना बनाने में।
अपनो को छोड़कर मिल जाता है जो वह बिरानो में।।
मिलेगा कुछ भी नही तुमको किसी को सताने में।
केवल बददुआ मिलेगी तुमको उसको सताने में।।
मिलता है सुख किसी को किसी को शराब पिलाने में।
किसी को सुख मिलता है किसी की शराब छुड़ाने में।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम