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8 Jun 2021 · 1 min read

“”मिट जाएगा आतंकवाद””

एक पड़ोसी देश हमारा।
उसका पिता है देश हमारा।
नहीं है दम सिर्फ आतंकवाद है उसका सहारा।
उस देश में सिर्फ कट्टरपंथियों का दिखता है नजारा।
घुसपैठियों को भेजने की करता रहता है साजिश।
हमारे कश्मीर के नाम पर रखता है हमसे रंजिश।
हर युद्ध में पराजय का मुंह देखा है उसने।
हार के बाद उस की फौज का सिर लगता है झुकने।
हर घड़ी फिराक में रहता है कैसे फैलाएं आतंकवाद का जाल।
कोशिशें उसकी नाकाम करती हमारी सेना बनकर देश की ढाल।
जब जब आतंकवादी आए हैं कोहराम मचाने हमारे देश।
काट दिए शीश उनके सेना ने धारण कर यमराज का वेश।
इस आतंकवाद का हमें करना होगा सर्वनाश।
पड़ोसी देश के आतंकवादी संगठनों का होगा पर्दाफाश।
भावी पीढ़ी के लिए करना होगा आतंकवाद का खात्मा।
हमारी सेना है मुस्तैद और हमारे साथ है हमारा परमात्मा।
भारत देश ने तो हमेशा अमन और चैन है बिखेरा।
दूसरी ओर पड़ोसी हमारा फैलाता है नफरत का घेरा।
देख पिता पिता होता है तू उससे आगे ना निकलना।
भविष्य में तुझे आगे चलकर तह है ठोकरे मिलना।
ए नादान पड़ोसी मत समझ जिहादी नारों से होगा तेरा गुजारा।
सन 71 वा 99 के युद्ध में जो हश्र हुआ वह होगा दोबारा।
एक दिन मिट जाएगा आतंकवाद नक्सलवाद रूपी अंधियारा।
एक नई किरण का सृजन होगा और होगा नया सवेरा।
मिट जाएगा आतंकवाद मिट जाएगा आतंकवाद।

Language: Hindi
365 Views
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