“मिट्टी की महिमा”
“मिट्टी की महिमा”
मिट्टी और पानी से
पूरी तरह जुड़ गए पिताजी
फिर हुई दोस्ती मवेशियों से
करते रहे सेवा-सुश्रुषा
और चलाते रहे हल,
जीवन की पूंजी रही
इन्हीं का योग सकल।
“मिट्टी की महिमा”
मिट्टी और पानी से
पूरी तरह जुड़ गए पिताजी
फिर हुई दोस्ती मवेशियों से
करते रहे सेवा-सुश्रुषा
और चलाते रहे हल,
जीवन की पूंजी रही
इन्हीं का योग सकल।