माह सितंबर
मीठी मधुर हवा के संग में
माह सितंबर आया है
हरी दूब और नाग चंपा ने
स्वागत सुर सजाया है
आंखो मे सतरंगी सपने,
दिल मे निर्झर बहाया है ,
तितली भंवरे मस्त हुए है,
उपवन भी हर्षाया है ।
बयां घोंसला बना रही है,
मौसम ने दुहराया है ।
तिनके -तिनके जोड रही है,
हुनर अनोखा पाया है ।
सूरज ने भी सेक दिया है,
उसका मान बढाया है ।
उमस का माहौल है ओझल,
संध्या मे रंग छाया है ।
सीताफल की महक उठी,
गन्ने में रस भर आया है ।