मार्केटिंग
इस युग का एक सत्य है
मार्केटिंग बहुत बड़ा तथ्य है
मातृत्व से तुम्हे नफरत हो
फिर भी उसके गुणगान गाकर
चाहो तो विश्व सुंदरी का ख़िताब पा सकते हो
जीवन मूल्य कच्चे हों
परन्तु धड़ल्लेदार अंग्रेजी के बल पर
बड़े से बड़ा पद पा सकते हो
कभी जीवन मूल्यों के प्रश्न उठाकर
तो कभी गरीब देशों को लड़वा कर
अपनी बात मनवा सकते हो
यहां बेचना
और सिर्फ बेचना है मेरे भाई
तुम्हारी कंपनी का माल कच्चा है
तो क्या यहाँ सिर्फ रुपया सच्चा है
अपने माल की खूब तारीफ करो
भोले भाले लोगों को खरीदने के लिए मजबूर करो
फिर भले ही
खेलना पड़े उनकी भावनाओं से
उनकी मासूम आँखों में
भरना पड़े भले ही शक का जहर
सफल माने जाओगे मेरे भाई
यदि बेच सके तुम स्वयं को
किसी भी कारीगरी से
लेकिन यह बेचना किसको है
एक इंसान को दूसरे इंसान को
एक देश को दूसरे देश को
धोखे की सीमा बस इतनी है
फिर इंसान क्यों भरता है दम
स्वयं को स्वयं से उठाने का
जीवन से बड़ा
कुछ पा सकने की चाह का !
शशि महाजन – लेखिका