Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2021 · 1 min read

मायूसी

बेजुबान होते है
पत्थर
तराशा गया है
उन्हें
इस खूबी से
मासूमियत का
इजहार करते
बच्चे जब भूखे हो
दाने पानी को
मोहताज
मासूमियत
दिल चीर देती है
सत्य को नंगा कर
देती है

कलियुग है
यहाँ अहिल्या जैसा
कोई पाषाण
शिलाखण्ड
नहीं है
जिसे आशा
हो
किसी राम की
या किसी
भगवान की
हो उद्वार करें
आकर

पाषाण खण्ड से
भी बदतर है
भविष्य उनका
बचपन ही
भयावना है
खुशहाल कल की
कैसे सोचूँ
अब कुछ इतना
फटेहाल
जीर्णशीर्ण कि
मन में
विरक्ति उपजने
लगती है

Language: Hindi
79 Likes · 1 Comment · 533 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
जिसके हर खेल निराले हैं
जिसके हर खेल निराले हैं
Monika Arora
यादों की सफ़र
यादों की सफ़र"
Dipak Kumar "Girja"
May 3, 2024
May 3, 2024
DR ARUN KUMAR SHASTRI
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
हम गैरो से एकतरफा रिश्ता निभाते रहे #गजल
हम गैरो से एकतरफा रिश्ता निभाते रहे #गजल
Ravi singh bharati
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ग़ज़ल _ आज उनको बुलाने से क्या फ़ायदा।
ग़ज़ल _ आज उनको बुलाने से क्या फ़ायदा।
Neelofar Khan
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
Shweta Soni
इंसानियत का कत्ल
इंसानियत का कत्ल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आलोचक-गुर्गा नेक्सस वंदना / मुसाफ़िर बैठा
आलोचक-गुर्गा नेक्सस वंदना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
Ram Krishan Rastogi
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
इक रोज़ मैं सोया था,
इक रोज़ मैं सोया था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जीवन दर्शन मेरी नजर से ...
जीवन दर्शन मेरी नजर से ...
Satya Prakash Sharma
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
SPK Sachin Lodhi
हम बच्चे
हम बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो हमसे पराये हो गये
वो हमसे पराये हो गये
Dr. Man Mohan Krishna
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
एक नायक भक्त महान 🌿🌿
एक नायक भक्त महान 🌿🌿
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
*प्रणय प्रभात*
Loading...