मानव मूल्य
व्यवहार सोच नजरिया, मानव मूल्य बनाते हैं
परिष्कृत कर जीवन, गरिमामय सार्थक बनाते हैं
उचित-अनुचित वांछित अवांछित, करणीय अकरणीय हमें बताते हैं
मानव मूल्य ही मानव को लक्ष तक पहुंचाते हैं
मानव मूल्यों से ही, व्यक्ति परिवार समाज और देश की पहचान है
मानव मूल्यों से ही, भारतीय संस्कृति और समाज की पहचान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी