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27 Oct 2022 · 1 min read

मात पिता की सेवा ही परम धर्म है।

मात पिता की सेवा ही परम धर्म है।
इससे बढ़के ना कोई जीवन कर्म है।।1।।

जैसा तू करता है वैसा ही भरता है।
इसी पृथ्वी पर ही स्वर्ग और नर्क है।।2।।

ना जानें कितना कुछ कहने को है।
इस जीवन को जीना एक संघर्ष है।।3।।

मन्दिर मस्जिद में जाकर ढूंढता है।
तिनके तिनके में व्याप्त वो ईश्वर है।।4।।

सब कुछ पाकर भी बे सुकूं रहते है।
इन क्षणिक खुशियों में होता दर्द है।।5।।

गर खुश होकर मां बाप दुआ करदें।
फिरतो ये जीवन हर दिन ही पर्व है।।6।।

सम्पूर्ण संसार अपना सा लगता है।
जब ह्रदय में होता ना कोई फर्क है।।7।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 1 Comment · 291 Views
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