माता-पिता वो नींव है
माता-पिता वो नींव है
माता पिता होते हैं सुंदर-सा संसार
अपनी संतान के लिए जीवन आधार।
नौ माह गर्भ में रख देती मां जीवन दान
सहन शीलता की मूरत मां होती धरा समान।
निर्मल उज्जवल उर मां का जैसे गंगा की धार
अपनी समझ बूझ से थामें रखती निज परिवार।
पिता वो जनक होते जैसे विशाल वृक्षों का गांव
उनकी ही छत्रछाया में मिलती सबको ठंडी छांव।
करते हैं दिन भर मेहनत देते है अपनों को आराम
दिल में लाख तूफान चले पर चेहरे पर रहे मुस्कान।
मां है प्रथम शिक्षिका सीख देती जैसै सम गीता ज्ञान
पिता साहस शक्ति प्रदान कर सिखाते भरना उड़ान।
दोनों के गुण सुसंस्कार से ही बच्चे बनते गुणवान
माता-पिता वो मजबूत नींव जिनसे बने सुदृढ़ मकान।
उनके ही नियम कायदे से फलता फूलता है खानदान
सत्य, सुशिक्षित अभिभावक बालकों का होते अभिमान ।
-सीमा गुप्ता, अलवर राजस्थान