Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2017 · 1 min read

माता-पिता ईश्वर के समान

????
वृद्धाआश्रम में छोड़ गया,
ये कैसा संतान।
माता-पिता की फिर भी,
बसती है इन्हीं में जान।
?
माता-पिता तो रूप हैं
ईश्वर के समान।
फिर भी मंदिर में ढूंढतें,
ये कैसा नादान।
?
घर में माता-पिता का
दिन-रात करे अपमान।
मंदिर जाकर पूजते,
पत्थर के भगवान।
?
माता-पिता का जो सेवा करे,
खुश होते भगवान।
माता-पिता के आशीष से,
बने सबसे धनवान।
?
बुद्धि परीक्षा जब लिये
शिव शंकर भगवान,
बड़े चतुर गणपति ज्ञानवान।
माता-पिता का परिक्रमा कर,
पायो प्रथम पूज्य स्थान।
?
माता-पिता की सेवा करना,
जब तक जान में है जान।
कभी नहीं अपमानित करना,
नित उठ करना प्रणाम।
????-लक्ष्मी सिंह ?☺

Language: Hindi
655 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
Arvind trivedi
चिल्हर
चिल्हर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पहाड़ी नदी सी
पहाड़ी नदी सी
Dr.Priya Soni Khare
चार पैसे भी नही....
चार पैसे भी नही....
Vijay kumar Pandey
लाल बचा लो इसे जरा👏
लाल बचा लो इसे जरा👏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
Raazzz Kumar (Reyansh)
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
Surinder blackpen
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
"अग्निस्नान"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
पूर्वार्थ
ये सफर काटे से नहीं काटता
ये सफर काटे से नहीं काटता
The_dk_poetry
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
मन में रख विश्वास,
मन में रख विश्वास,
Anant Yadav
अपने आसपास
अपने आसपास "काम करने" वालों की कद्र करना सीखें...
Radhakishan R. Mundhra
पराया हुआ मायका
पराया हुआ मायका
विक्रम कुमार
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
ठंडा - वंडा,  काफ़ी - वाफी
ठंडा - वंडा, काफ़ी - वाफी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
फेमस होने के खातिर ही ,
फेमस होने के खातिर ही ,
Rajesh vyas
पहले प्यार में
पहले प्यार में
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2883.*पूर्णिका*
2883.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
Paras Nath Jha
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
gurudeenverma198
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
Ram Krishan Rastogi
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
इसमें कोई दो राय नहीं है
इसमें कोई दो राय नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...