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14 Jun 2023 · 1 min read

माटी है मेरे देश की चंदन

माटी है मेरे देश की चंदन
सत् सत् बार करूं मैं नमन
गंगा और यमुना बहती है
पूर्वजों की कथा कहती है
इस माटी में पैदा हुए संत महान
इस देश को सत् सत् बार नमन
माटी है मेरे देश की चंदन…
गुरु का प्यारा देश हमारा
नतमस्तक है विश्व सारा
नेता, साधु देश के रत्न हुए
इस माटी को युगों युगों तक नमन
माटी है मेरे देश की चंदन…
विश्व कवि रविंद्र का प्यारा
गांधी की आंखों का तारा
सुभाष-बिस्मिल ने तन वारा
सारे देशों से है न्यारा
इस देश में हुए तपस्वी
जिनकों है सत् सत् बार नमन
माटी है मेरे देश की चंदन…
कहां तक करुं गुणगान तेरा
यहां पर है सब कुछ तेरा
तुझ पर न्यौछावर सब मेरा
मैंने प्राण, मन, शरीर सब वारा
इसमें अंजुम हुए वीर अवतारा
जिनकों इस माटी ने उबारा
माटी है मेरे देश की चंदन
सत् सत् बार करूं मैं नमन
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
मोबाइल-9927140483
‎Sunday, ‎May ‎16, ‎2021

Language: Hindi
100 Views
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Books from मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
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