मां
मां संग होती है रोज़
उम्रभर
हर पल हर क्षण
पर दिखती है
एक बार
‘मदर्स डे’ पर
व्हट्सअप्प फेसबुक पर
फोटुओं में
जैसे कोई नया खिलौना आता हो
घर में जिसे सबको दिखाना है
भावनाएं अंदर होती है
अंतर्मन में
जो दिखाई नहीं देती
पर मां का कुम्हलाया चेहरा
मुस्कुराता है बच्चों के लिए
क्या देते हैं बेटे
क्या देती है बेटियां
दुःख अवसाद व्यथा
और कभी कबार खुशियां
दो पल की
भीगती आंखे हार नहीं मानती कभी
श्रम से
बल्कि तपती हैं बच्चों की मांगों से
रोती नहीं हंसती हैं मां..
मनोज शर्मा