Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2020 · 1 min read

मां मजहब मादरे वतन

मां मजहब मादरे वतन
तोहफे बड़े अजीम
मां के पेट में मिल गए
मां वतन और दीन
जन्नत मा कदमों तले
वतन पाक जस दीन
रब ने बंदे बख्श दीं
बड़ी नियामत तीन
तीनों पर रख आस्था
रब पर करो यकीन
खुशियां बंदे मिलेंगी
नित नूतन तुझे नवीन
सत्य प्रेम करुणा रखें
दीन के गुण हैं तीन

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
4 Likes · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
कहां खो गए
कहां खो गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
इतना तो अधिकार हो
इतना तो अधिकार हो
Dr fauzia Naseem shad
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई नही है अंजान
कोई नही है अंजान
Basant Bhagawan Roy
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
मुक़्तज़ा-ए-फ़ितरत
मुक़्तज़ा-ए-फ़ितरत
Shyam Sundar Subramanian
सूरज सा उगता भविष्य
सूरज सा उगता भविष्य
Harminder Kaur
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
झिलमिल झिलमिल रोशनी का पर्व है
झिलमिल झिलमिल रोशनी का पर्व है
Neeraj Agarwal
बंधे धागे प्रेम के तो
बंधे धागे प्रेम के तो
shabina. Naaz
* शक्ति आराधना *
* शक्ति आराधना *
surenderpal vaidya
*परिचय*
*परिचय*
Pratibha Pandey
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
Ravi Prakash
"साहस का पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
उनको मेरा नमन है जो सरहद पर खड़े हैं।
उनको मेरा नमन है जो सरहद पर खड़े हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हर तरफ खामोशी क्यों है
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
Neelam Sharma
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तप त्याग समर्पण भाव रखों
तप त्याग समर्पण भाव रखों
Er.Navaneet R Shandily
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
मुझे  बखूबी याद है,
मुझे बखूबी याद है,
Sandeep Mishra
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
खोखली बातें
खोखली बातें
Dr. Narendra Valmiki
■ #गीत :-
■ #गीत :-
*Author प्रणय प्रभात*
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...